लगभग 65000 साल पहले, भारतीय इतिहास की शुरुआत होमो सेपियन्स के साथ हुई थी। होमो सेपियन्स अफ्रीका से शुरू होते हुए दक्षिण भारत और बलूचिस्तान तक आए और अंततः सिंधु घाटी में पहुंचे, जहाँ उन्होंने नगरीकरण का संस्कार किया और सिंधु घाटी सभ्यता को विकसित किया। भारतीय इतिहास ने सिंधु घाटी की रहस्यमई संस्कृति से शुरू होकर भारत के दक्षिणी इलाकों तक किसान समुदाय तक फैला। भारतीय इतिहास में पाषाण युग, कांस्य युग, और लौह युग का विस्तृत वर्णन मिलता है। हमारे आज के इस ब्लॉग में हम भारतीय इतिहास के विषय में विस्तार से जानेंगे।
भारतीय इतिहास के भाग
भारतीय इतिहास कालखंड को तीन भागों में बांटा गया है
प्राचीन भारत
मध्यकालीन भारत
आधुनिक भारत
प्राचीन भारत
प्राचीन भारत का इतिहास में हम पाषाण युग से लेकर इस्लामी आक्रमणों तक के बारे में जानते है । इस्लामी आक्रमण के पश्चात् भारत में मध्यकालीन इतिहास की शरुआत मानी जाती है ।
प्राचीन भारतीय इतिहास का कालखंड
प्राचीन काल: 400000 ई.पू.-1000 ई.पू.: इस युग में मानव ने आग और पहिये की खोज की।
सिंधु घाटी सभ्यता: 2500 ई.पू.-1500 ई.पू.: सिंधु घाटी सभ्यता एक व्यवस्थित रूप से बसी हुई सभ्यता थी। इस समय में ही नगरीकरण की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता से हुई।
महाकाव्य युग: 1000 ई.पू.-600 ई.पू.: इस समय काल में वेदों का संकलन हुआ और वर्णों के भेद हुए, जैसे आर्य और दास।
हिंदू धर्म और परिवर्तन: 600 ई.पू.-322 ई.पू.: इस समय में जाति प्रथा अपने चरम पर थी। इस रूढ़िवादिता के परिणामस्वरूप महावीर और बुद्ध का जन्म हुआ। इस समय में महाजनपदों का गठन हुआ, 600 ई. पू.-322 ई. पू. में बिम्बिसार, अजात शत्रु, शिसुनंगा और नंदा राजवंश का जन्म हुआ।
मौर्य काल: 322 ई.पू.-185 ई.पू.: चन्द्रगुप्त मौर्य ने स्थापित किया एक समृद्ध साम्राज्य जिसमें पूरा उत्तर भारत शामिल था। इस समय में कलिंग युद्ध की घटना हुई, जिसके बाद राजा अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया।
आक्रमण काल: 185 ई.पू.-320 ईसवी: इस समय में बक्त्रियन, पार्थियन, शक और कुषाणों द्वारा आक्रमण हुआ। मध्य एशिया के व्यापार के लिए द्वार खुला, सोने के सिक्कों का प्रचलन हुआ और साका युग की शुरुआत हुई।
डेक्कन और दक्षिण: 65 ई.पू.-250 ईसवी: इस काल में चोल, चेर और पांड्या राजवंश ने दक्षिण भारत में अपना शासन स्थापित किया। अजंता और एलोरा की गुफाएं इस समयकाल की प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक देन हैं, इसके अलावा संगम साहित्य और भारत में ईसाई धर्म का प्रवेश हुआ।
गुप्त साम्राज्य: 320 ईसवी-520 ईसवी: इस काल में चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की स्थापना की, उत्तर भारत में शास्त्रीय युग की शुरुआत हुई, समुद्रगुप्त ने अपने राजवंश का विस्तार किया और चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शाकों के खिलाफ युद्ध किया। इस युग में ही शाकुंतला और कामसूत्र की रचना हुई। आर्यभट्ट ने खगोल विज्ञान में अद्भुत कार्य किया और भक्ति पंथ भी इस समय उभरा।
छोटे राज्यों का उदय: 500 ईसवी-606 ईसवी: इस युग में हुणों के उत्तर भारत में आने से मध्य एशिया और ईरान में पलायन देखा गया। उत्तर भारत में कई राजवंशों के परस्पर युद्ध करने से बहुत से छोटे राज्यों का निर्माण हुआ।
हर्षवर्धन: 606 ईसवी-647 ईसवी: हर्षवर्धन के शासनकाल में प्रसिद्ध चीनी यात्री हेन त्सांग ने भारत की यात्रा की। हुणों के हमले से हर्षवर्धन का राज्य कई छोटे राज्यों में विभाजित हो गया। इस समय में डेक्कन और दक्षिण बहुत शक्तिशाली बन गए।
दक्षिण राजवंश: 500ई-750 ईसवी: इस समय में चालुक्य, पल्लव और पंड्या साम्राज्य का उदय हुआ और पारसियों ने भारत में आक्रमण किया था।
चोल साम्राज्य: 9वीं सदी ई-13वीं सदी ईसवी: विजयालस द्वारा स्थापित चोल साम्राज्य ने समुद्र नीति को अपनाया। इस समय में मंदिर संस्कृति और समाज में सुधार हुआ, और द्रविड़ भाषा विकसित हुई।
उत्तरी साम्राज्य: 750ई-1206 ईसवी: इस समय राष्ट्रकूट ताकतवर हुआ, प्रतिहार ने अवंति और पलस ने बंगाल पर शासन किया। इस समय में मध्य भारत में राजपूतों का उदय हो रहा था। इस समय में भारत पर तुर्क आक्रमण हुआ, जिसके बाद मध्यकालीन भारत का प्रारंभ हुआ।
मध्यकालीन भारत का कालखंड
प्रारंभिक मध्यकालीन युग ( 8वीं से 11 वीं शताब्दी ): इस समयकाल में गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद और दिल्ली सल्तनत का प्रारंभ हुआ जिसके परिणाम स्वरूप भारतवर्ष कई छोटे राज्य में बटा हुआ था।
गत मध्यकालीन युग ( 12वीं से 18वीं शताब्दी ): इस समयकाल में पश्चिम में मुस्लिम आक्रमणों ने तेजी पकड़ ली थी तो दूसरी तरफ दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैयद वंश और लोदी वंश का उद्भव हुआ।
विजयनगर साम्राज्य का उदय: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर तथा बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। यह उस समय का एकमात्र हिन्दू राज्य था जिस पर अल्लाउदीन खिलजी ने आक्रमण किया था। जिसके बाद हरिहर और बुक्का ने मुस्लिम धर्म अपना लिया।
मुग़ल वंश: मुग़ल वंश के प्रारंभ के साथ दिल्ली सल्तनत का अंत हो गया। बाबर के भारत पर आक्रमण करने के बाद भारत में मुग़ल वंश की स्थापना हुई।1857 की क्रांति के साथ ही मुग़ल वंश का पतन हो गया और ब्रिटिश शासन के साथ आधुनिक भारत की शुरुआत हुई।
आधुनिक भारत का कालखंड
क्षेत्रीय राज्यों का उदय और यूरोपीय शक्ति: इस समय में पंजाब, मैसूर, अवध, हैदराबाद, बंगाल जैसे छोटे राज्यों का विस्तार हुआ। इसके साथ ही पुर्तगाली उपनिवेश, डच उपनिवेश, फ्रांसीसी उपनिवेश और अंग्रेज उपनिवेश की स्थापना हुई।
ब्रिटिश सर्वोच्चता और अधिनियम: इस समय ने बक्सर की लड़ाई, सहायक संधि, व्यपगत का सिद्धांत, रेग्युलेटिंग एक्ट 1773, पिट्स इंडिया एक्ट 1784, चार्टर अधिनियम,1793, 1813 का चार्टर अधिनियम, 1833 ई. का चार्टर अधिनियम, 1853 ई. का चार्टर अधिनियम, 1858 ई. का भारत सरकार अधिनियम,1861 का अधिनियम,1892 ई. का अधिनियम,1909 ई. का भारतीय परिषद् अधिनियम, भारत सरकार अधिनियम – 1935, मोंटेंग्यु-चेम्सफोर्ड सुधार अर्थात भारत सरकार अधिनियम-1919 जैसे घटनाओं को अंजाम दिया।
18वीं सदी के विद्रोह और सुधार: इस समय काल में रामकृष्ण, विवेकानंद, ईश्वरचंद विद्यासागर, डेजेरियो और यंग बंगाल, राममोहन रॉय और ब्रह्म समाज जैसे समाज सुधारकों का जन्म हुआ।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन: इस समय काल में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र कराने के लिए कई प्रकार के आंदोलनों का उद्भव हुआ जैसे: शिक्षा का विकास, भारतीय प्रेस का विकास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जलियाँवाला बाग, मुस्लिम लीग की स्थापना, रौलट विरोधी सत्याग्रह, स्वदेशी आन्दोलन, अराजक और रिवोल्यूशनरी अपराध अधिनियम 1919, खिलाफ़त और असहयोग आन्दोलन, साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, भारत छोड़ो आन्दोल, कैबिनेट मिशन प्लान, अंतरिम सरकार, संवैधानिक सभा, माउंटबेटन योजना और भारत के विभाजन, दक्षिण भारत में सुधार, पश्चिमी भारत में सुधार आन्दोलन, सैय्यद अहमद खान और अलीगढ़ आन्दोलन, मुस्लिम सुधार आन्दोलन आदि।