जलमंडल क्या हैं ?

 

                                         3  . जलमंडल

      जल का साम्राज्य पृथ्वी के दो-तिहाई भाग पर है। झील, सागर और महासागर इसीके विभिन्न रूप हैं जो धरातल के 71 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। सौरमंडल में एकमात्र जलीय ग्रह पृथ्वी ही है ।

      जलमंडल पृथ्वी के दोनों गोलार्द्ध में समान रूप से नहीं फैला हुआ है। उत्तरी गोलार्द्ध की अपेक्षा दक्षिणी गोलार्द्ध में इसका विस्तार अधिक है। दक्षिणी गोलार्द्ध का लगभग 88 प्रतिशत भाग जल से ढका है जबकि उत्तरी गोलार्द्ध का केवल 52 प्रतिशत भाग ही जल से ढका मिलता है । इस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध को ‘जल गोलार्द्ध’ कहकर पुकारा जाता है।

     जलमंडल से ही वायुमंडल को आर्द्रता प्राप्त होती है, अतः बादलों का निर्माण और वर्षा होना जलमंडल पर ही मुख्य रूप से आश्रित है। आर्द्रवायु संघनित होकर वर्षण करती है। नदियों द्वारा वर्षाजल और हिमजल पुनः समुद्र में लौट आता है कुछ जल भूमि में समा जाता है। यह भूमिगत जल कृषि आदि में सहायक होता है वायुमंडल और स्थलमंडल से होकर जलमंडल के जल का संचरण ‘जलचक्र’ (water cycle) कहलाता है। इससे पृथ्वी पर जल का आयतन घटने नहीं पाता; हाँ, उनका रूप-परिवर्तन होता रहता है।

      सागरों में जल कभी स्थिर नहीं रहा करता । वायुमंडल की तरह इसमें भी गतियाँ उत्पन्न होती हैं। समुद्री लहरें, ज्वारभाटे और समुद्री धाराएँ जलमंडल की तीन गतियाँ मानी गई हैं। लहरों को उत्पन्न करने में पवनों का हाथ रहता है, यद्यपि कभी-कभी तीव्र भूसंचलन से भी ऊँची लहरें उत्पन्न हो जाती हैं (जैसे— ‘सुनामी’)। ज्वारभाटों को उत्पन्न करने में चंद्रमा और सूर्य की आकर्षणशक्ति का जबरदस्त हाथ हुआ करता है। जलधाराएँ स्थायी पवनों के प्रभाव में आकर और फिर पृथ्वी की घूर्णन-गति से प्रभावित होकर उत्पन्न हुआ करती हैं । इन सबका हमारे जीवन पर, हमारे वातावरण पर, प्रभाव पड़ा करता है।

    जलमंडल का महत्त्व इस दृष्टि से भी उल्लेखनीय है कि यह हमारी जलवायु सम रखता है। यह असंख्य जीव-जंतुओं का निवासस्थल है। मछलियों का झुंड यहीं मिलता है, जिन्हें हम अपने आहार में सम्मिलित करते हैं। मूँगे-मोती के खजाने सागरों में ही मिलते हैं। अब तो समुद्र की पेंदी से खनिज तेल भी निकाला जाने लगा है। ज्वारभाटे से कहीं-कहीं जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है । यातायात के सस्ते साधन रूप में महासागरों पर कितने ही व्यस्त जलमार्ग बनाए गए हैं; जैसे—-उत्तर अटलांटिक व्यापारिक मार्ग और स्वेज नहर मार्ग। इन मार्गों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मदद मिलती है।

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