Education

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आकलन का क्या उद्देश्य हैं

       आकलन का उद्देश्य  आकलन का उद्देश्य –    आकलन का उद्देश्य सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं का चुनाव एवं सामग्री का सुधार करना है और उन लक्ष्यों पर पुनर्विचार करना है जो विद्यालयों के विभिन्न चरणों के लिए तय किये गए हैं। आकलन के द्वारा यह किया जाता है कि अधिगमकर्त्ता की क्षमता किस हद […]

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सतत एवं व्यापक मूल्यांकन

सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन –    “मूल्यांकन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो शिक्षा-व्यवस्था का एक अभिन्न अंग है और अंतिम रूप से शैक्षिक उद्देश्यों से सम्बन्धित है।”  –  भारतीय शिक्षा आयोग मूल्यांकन एक अत्यन्त व्यापक प्रक्रिया है। किसी भी प्रकार की योग्यता, कौशल, उपलब्धि आदि की जानकारी प्राप्त करने के

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निबन्धत्मक परीक्षा

          निबन्धात्मक परीक्षा  निबन्धात्मक परीक्षा का अर्थ –    निबन्धात्मक परीक्षाओं का तात्पर्य ऐसी परीक्षण-प्रणाली से है जिसके अन्तर्गत सभी बालक पाठ्यक्रम के कई प्रश्नों के उत्तर निश्चित समय के अन्दर निबन्ध के रूप में देते हैं। इन परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर इतने लम्बे होते हैं कि परीक्षक बालकों की विचार,

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समाजीकरण किसे कहते हैं

         समाजीकरण  समाजीकरण का अर्थ एवं परिभाषाएँ  –   समाजीकरण से तात्पर्य व्यक्ति को  सामाजिक प्राणी बनाना है। व्यक्ति और समाज का घनिष्ठ सम्बन  होता है | किसी भी व्यक्ति को हम जैसा भी देखते हैं वह उसके समाज के कारण होता है | व्यक्ति शिशु के रूप में कुछ ‘जैविकीय आवश्यकताओं को

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सृजनात्मकता क्या होती है

सृजनात्मकता का अर्थ  –   सृजनात्मकता का अंग्रेजी भाषा का पर्याय Creativity हैं  जिसका  अर्थ होता है ‘By way of creation’ | इसका हिन्दी अर्थ है ‘उत्पादन से। इस प्रकार सुजनात्मक का शाब्दिक पर्याय “उत्पादन से सम्बन्धित हुआ। प्रत्येक व्यक्ति के कियाकलापों का महत्त्वपूर्ण गुण सृजनात्मकता है। अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति में सृजनात्मकता होती हैं |आवश्यकता उसके

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शिक्षण अधिगम प्रक्रिया क्या है

              शिक्षण अधिगम प्रक्रिया  शिक्षण और अधिगम में घनिष्ठ संबंध  –   प्रभावी शिक्षण से अधिगम अधिक  सार्थक और व्यावहारिक होता है।    शिक्षण को परिभाषित करते हुए प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री बर्टन ने कहा है, “शिक्षण सिखाने  के लिए प्रेरणा, पथ-प्रदर्शन, पथनिर्देशन और प्रोत्साहन है।”  इसी सदर्भ में डमविल का कथन है, “शिक्षण का सरलतम अर्थ है

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बुद्धि से आप क्या समझते हैं

                      बुद्धि से आप क्या समझते हैं    राइल ने सन् 1949 में यह तर्क प्रस्तुत किया कि बुद्धि द्वारा गुण का बोध  न होकर एक प्रवृत्ति की सूचना मिलती है। । इस परिप्रेक्ष्य में बुद्धिमान जैसे पदों के अनुप्रयोग  की अपेक्षा बुद्धिमतापूर्ण आचरण या व्यवहार प्रकट करने की बात कहना अधिक उचित  होगा |

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रुची क्या है

                           रूचि  रुचि का प्रत्यय– हर व्यक्ति की कोई न कोई रुचि रुचियों  अवश्य होती हैं | इन्हीं रुचियों के कारण वह किसी वस्तु, क्रिया आदि को पसंद करता है या  उसे अधिमान देता है | शिक्षा के क्षेत्र में तो रुचि को ही केन्द्र बिन्दु माना गया है। हर व्यक्ति  के अपने –अपने जीवन

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अधिगम किसे कहते हैं

अधिगम क्या हैं  मानव जन्म से मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। सीखने या अधिगम से बालक का विकास अत्यधिक प्रभावित रहता है। अधिगम के द्वारा बालक नई-नई आदतें सीखता है, रिवाजों, प्रथाओं और रुढ़ियों का अनुकरण करता है। बौद्धिक कौशल का विकास भी अधिगम के द्वारा ही होता है। अधिगम की

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अभिप्रेरणा का अभिप्राय क्या होता है

अभिप्रेरणा के सम्प्रत्यय को सर्वप्रथम मैगडूगल ने अपनी ‘मूल-प्रवृत्ति की धारणा के माध्यम से लोकप्रिय बनाया। उन्होंने सन् 1921 ई में यह बताया कि “प्राणी के सभी व्यक्तिगत या सामूहिक विचारों या क्रियाओं के आवश्यक स्रोत या प्रेरक शक्ति के रूप में उसकी मूल प्रवृत्तियों को उपकल्पित किया जा सकता है। ये मूल प्रवृत्तियाँ व्यक्ति

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