आईपीएस किरण बेदी की जीवन परिचय 

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आईपीएस किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा की पहली महिला अधिकारी थीं। उन्होंने 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिसमें से सबसे अहम उनका काम सबरमाला व अयोध्या में हुआ था।

किरण बेदी का जन्म ९ अगस्त, १९५३ को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा अमृतसर, दिल्ली, और चेन्नई में पूरी की। उन्होंने फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने इंस्पेक्टर के पद पर 1974 में शुरुआती रूप से तब शुरुआत की और उन्होंने इस क्षेत्र में बहुत सारा काम किया है। उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया, जैसे कि सब-इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस अधिकारी, असिस्टेंट कमिश्नर, सीनियर सुपरिंटेंडेंट, आईजीपी और डीजीपी जैसे उच्च पदों पर।

किरण बेदी की शानदार कैरियर के बीच, वह बेहद शोषित और बदला लेने वाली महिलाओं के लिए एक समाजसेवी बनीं। उन किरण बेदी ने बेहद शानदार काम किया था। 1992 में, उन्होंने सबरमाला मंदिर विवाद के समय के दौरान काम किया था, जब वे आईजीपी अयोध्या में थीं। उन्होंने अपने अधिकारों का उपयोग करके, मंदिर में शामिल लोगों को सुरक्षा देने में मदद की थी।

उन्होंने अयोध्या विवाद के समय में भी काम किया था, जब उन्होंने अपने अधिकारों का उपयोग करके शांति बनाने में मदद की थी। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में एक महिला अधिकारी के रूप में अपने समय में काफी प्रभावशाली अधिकारी थीं।

2013 में किरण बेदी को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में अपने काम के लिए कई अन्य सम्मानों और पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

किरण बेदी ने १६ मई २०२१ को अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद, भारतीय समाज ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

किरण बेदी जी 1948 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जन्मी थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने का फैसला किया था।

किरण बेदी ने अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत 1972 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से की थी। उन्होंने अपनी सेवाकाल के दौरान विभिन्न राज्यों में कई उच्च पदों पर काम किया था। उन्होंने एक समय तक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और भारतीय संघ रक्षा बल (आईटीबीपी) में डीजीपी के रूप में काम किया था।

किरण बेदी जी अपनी जीवन के दौरान महिला अधिकारों की रक्षा करने में भी विशेष रूप से उलझी रही थीं। उन्होंने एक महिला अधिकारी के रूप में अपने शून्य से शुरुआत की थी और अपने काम के दौरान उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

किरण बेदी जी ने अपनी पुलिस सेवा के दौरान भी कई समाज सेवा कार्य किये। उन्होंने बालिका शिक्षा को महत्व देते हुए बालिकाओं की शिक्षा के लिए कई अभियान चलाए। उन्होंने एक समय तक नारी संरक्षण शाखा के निदेशक के रूप में काम किया था। उन्होंने दिल्ली पुलिस महिला एवं बाल विकास शाखा की स्थापना की थी जिसके माध्यम से वे महिलाओं व बच्चों की मदद करती थीं।

2013 में, किरण बेदी जी के निधन के बाद भारत सरकार ने उन्हें देश के पहले महिला एआईपीएस अधिकारी के रूप में सम्मानित किया। उन्होंने भारत को एक विश्वस्तरीय देश के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना सबसे अच्छा प्रयास किया था और उनकी सेवाओं ने देश को गौरवान्वित किया था।

किरण बेदी जी का जीवन एक महिला अधिकारी के रूप में एक मिसाल है। उन्होंने अपने कर्तव्य के प्रति बहुत वफादारी और समर्पण दिखाया था। वे देश के लिए अपने जीवन का समर्पण करने के लिए तैयार रहते थे। उन्होंने जिस तरह से महिलाओं के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहे, उससे वह एक आदरणीय व्यक्तित्व बन गई थीं। उनकी मुश्किल दौर में भी असली महिला बने रहने की अपनी विशेष आदत थी।

उन्होंने न सिर्फ अपनी सेवाओं से देश को समृद्ध किया बल्कि उन्होंने अपनी दृष्टि में जीवन को देश सेवा के लिए समर्पित करने की दृष्टि विकसित की थी। उन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया था और इसलिए वे समाज में एक महान व्यक्तित्व बन गई थीं।

किरण बेदी जी के जीवन में उनकी सेवाओं को समझना, उनके आदरणीय व्यक्तित्व को समझना और उनकी दृष्टि से जीवन को देश सेवा के लिए समर्पित करने की प्रेरणा लेने के लिए काफी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण

किरण बेदी जी 9 सितंबर 1955 को अमृतसर, पंजाब में एक सिख परिवार में जन्मी थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की और फिर वे एक वकील बनने की इच्छा रखती थीं। लेकिन, उन्हें एक आईपीएस अधिकारी बनने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को अपनाया।

किरण बेदी जी 1979 में आईपीएस के लिए चयनित हुईं और वे भारतीय पुलिस सेवा की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गईं। उन्होंने अपनी कॉर्पस की पहली पोस्टिंग के रूप में छोटे पड़ोसी राज्य मिजोरम में भेजे जाने से पहले कई जगहों पर कार्य किया। उन्होंने सफलतापूर्वक बहुत से महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में सहभागी थीं जैसे मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में और सिख तंत्र वादी आंदोलन के दौरान।

उन्होंने जब सिख तंत्र वादी आंदोलन के दौरान अमृतसर में अपनी भूमिका के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी तो वे देश भर में सम्मानित हुईं। उन्होंने अपने देश के लिए एक अ

किरण बेदी ने अपनी निश्चित सोच और समर्पण के कारण अपने कार्यकाल के दौरान अनेक समस्याओं का सामना किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों पर बल दिया और महिला ऑफिसरों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक टीम तैयार की जो बच्चों और महिलाओं को शिक्षा और व्यवसायी दक्षता के लिए प्रेरित करने के लिए दुनिया भर में यात्रा की।

किरण बेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान समस्याओं का सामना किया जैसे कि माओवादी और कश्मीर की सुरक्षा बलों के साथ भी जैसे-जैसे नए तरीकों से लड़ाई किया जा रहा था। वे यह भी समझती थीं कि बिना तंत्रिक तरीके से समस्याओं का सामना करना नाकाफी है इसलिए वे सुरक्षा बलों के साथ राजनीतिक तंत्र के विकास को भी सुनिश्चित करना चाहती थीं।

किरण बेदी ने अपने देश के लिए बहुत से सम्मान जीते हैं। उन्हें 1987 में पद्मश्री, 1995 में पद्मभूषण, और 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वे भारत के बड किरण बेदी ने अपने जीवन के दौरान अनेकों चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने अपने जीवन के बारे में एक आत्मकथा भी लिखी है जिसका नाम I Dare: Kiran Bedi – A Biography” है। इसमें वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं, समस्याओं, और उनका समाधान विस्तार से बताती हैं।

उनकी आत्मकथा में वे अपनी बचपन की कहानी से शुरू करती हैं और फिर अपने पुलिस सेवा में शामिल होने के बारे में बताती हैं। उन्होंने अपने सेवाकाल में अपनी निश्चित सोच के लिए जानी जाती हैं और उन्होंने इसके लिए भुगतान किया। वे अपने काम में इतनी महिर थीं कि उन्हें फायदे की बजाय अपने नैतिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद था।

उन्होंने अपने जीवन के दौरान बहुत से समाज सेवा कार्यों में भी भाग लिया। वे बच्चों और महिलाओं के लिए शिक्षा और दक्षता के कार्यक्रम चलाती थीं। वे नारी विरोधी हिंसा और दुष्कर्म के खिलाफ भी लड़ीं। उन्होंने बिहार में बाढ़ के पीड़ितों के उन्होंने बिहार में बाढ़ के पीड़ितों के लिए राहत कार्यक्रम चलाया और आंध्र प्रदेश में स्वच्छता अभियान के लिए प्रबंधन किया। उन्होंने दक्षिण आंध्र प्रदेश के लिए समाज सेवा एवं शिक्षा के कार्यक्रम भी चलाए।

किरण बेदी एक अभिनेत्री भी हैं और उन्होंने कुछ फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने अपनी शौर्यगाथाओं के लिए भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया है।

आज भी किरण बेदी एक सार्वजनिक व्यक्तित्व हैं और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाती हैं। उनके जीवन की कहानी और उनके काम से बहुत से लोग प्रेरित होते हैं।

किरण बेदी का जन्म 21 जून 1951 को पंजाब के फरीदकोट में हुआ था। उनके पिता का नाम था नाम था उमेश बेदी और माता का नाम था नज़ीम बेगम। उन्हें संघर्षपूर्ण बचपन गुजरना पड़ा, क्योंकि उनके परिवार को तनाव के कारण दिल्ली से पंजाब लौटना पड़ा था।

किरण बेदी ने अपनी शिक्षा दिल्ली में पूरी की थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान में स्नातक डिग्री हासिल की थी।

उन्होंने अपनी कैरियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षक के रूप में की, लेकिन बाद में उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने का फैसला किया। उन्होंने स्वच्छता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में काम किया।

किरण बेदी की शौर्यगाथाओं में से एक यह है कि 1988 में उन्होंने एक गैंग से लड़ते हुए दो बच्चों को बचाया था। उन्होंने बच्चों को गंगस्टरों से बचाकर अपनी जान खतरे में डाल दी थी। इस शौर्यगाथा के बाद से उन्हें ‘बच्चों की रक्षक’ के

रण बेदी का समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत लंबा कैरियर था। उन्होंने विभिन्न समाज सेवा संगठनों में काम किया था और उन्हें बहुत सम्मान और प्रशंसा मिली थी।

उन्होंने एक समाज सेवा संगठन नवजोतिकी स्थापना की थी, जो गरीबों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने एक और संगठन ‘विश्वास’ की स्थापना की थी, जो बेघरों और बच्चों को आश्रय प्रदान करता है।

किरण बेदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया था। उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं, जिनमें से कुछ हैं: स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं का सुधार, बेघरों के लिए आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं और जल संरचनाओं का विकास।

उन्होंने नारी सुरक्षा के क्षेत्र में भी काम किया था। उन्होंने दिल्ली में ‘महिला थाना’ की स्थापना की थी जो महिलाओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाई गई थी।

किरण बेदी को 1995 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था किरण बेदी ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी काम किया था। उन्होंने दिल्ली में कई चिकित्सा केन्द्र शुरू किए थे जो गरीब लोगों को सस्ती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते थे।

उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सम्मान प्राप्त किए थे। उन्हें 1999 में पद्मभूषण, 2007 में पद्मविभूषण, और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें अब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल भी मिला है।

किरण बेदी 22 जुलाई 2019 को दिल्ली में निधन हो गईं। उन्होंने अपने जीवन में समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत सारे लोगों की मदद की थी और देश और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बने रहेंगी।

किरण बेदी ने अपने जीवन में देश के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न आवासों में काम किया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सेना के साथ जुड़कर सेवा की थी।

उन्होंने एक अभियान भी शुरू किया था जिसमें वे बेडी प्रोजेक्ट नामक एक मुहिम शुरू कर देती हैं। इस मुहिम के तहत, वे गरीब लोगों को सस्ते जैविक उपचार प्रदान करती हैं।

किरण बेदी को भारत सरकार द्वारा एक स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजना जिसे “किरण बेदी नेशनल स्वास्थ्य सेवा” कहा जाता है, का नाम दिया गया है। इस योजना के तहत, वे गरीब लोगों को सस्ती चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करती हैं।

उन्होंने दिल्ली में अपनी पार्टी के लिए सांसद के रूप में भी काम किया था। उन्होंने सांसद के रूप में तीन बार चुनाव जीता था।

उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे सम्मान भी प्राप्त किए थे। उन्हें 1999 में पद्मभूषण, 2007 में पद्मविभूषण ,किरण बेदी ने अपने सेवा-कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किए हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

पद्मविभूषण: 2007 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

इंटरनेशनल प्रीमी अवार्ड: उन्होंने अपनी अदम्य सेवाओं के लिए 1994 में इंटरनेशनल प्रीमी अवार्ड प्राप्त किया था।

वुमेन ऑफ द ईयर: 1994 में उन्हें वुमेन ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

यूनेस्को के लिए गणतंत्र दिवस पुरस्कार: उन्हें 2000 में यूनेस्को के लिए गणतंत्र दिवस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

ग्लोबल वुमेन इंपावरमेंट अवार्ड: 2009 में उन्हें ग्लोबल वुमेन इंपावरमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

वर्ल्ड पीस प्राइज: 2005 में उन्हें वर्ल्ड पीस प्राइज से सम्मानित किया गया था।

 

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