राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए योग्यताएं और कार्यकाल

राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए योग्यताएं:

उम्र: राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।

नागरिकता: राष्ट्रपति बनने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।

शिक्षा: राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास कम से कम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।

अनुभव: राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार को राजनीति या सामाजिक क्षेत्र में कम से कम 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

अचल संपत्ति: राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास अचल संपत्ति होनी चाहिए।

नियुक्ति क्षमता: राष्ट्रपति को राष्ट्र के सभी विभागों के नेतृत्व की क्षमता होनी चाहिए।

राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्र के संवैधानिक शासन को सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कार्यों का आधार होता है:

विधान विधि के अनुसार विभिन्न अधिकारों को प्रदान करना।

विभिन्न राज्यों के सरकारों के बीच संवाद और समझौतों का संचालन करना।

देश के रक्षामंत्री के साथ नियुक्ति और बहुत प्रमुख सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सलाहकार की भूमिका निभाना।

विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को नियुक्त करना और उन्हें निर्देश देना।

विभिन्न राज्यों के विभिन्न उद्योगों, संस्थाओं और राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ मीटिंग करना और देश के विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करना।

अपने कार्यकाल के अंत में, राष्ट्रपति को राष्ट्र की नई नियमावली का उच्चारण करना होता है।

अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकार और प्राधिकारों का पालन करना |

भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन पूर्ण भारतीय नागरिकों द्वारा होता है। उम्मीदवार को न्यूनतम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए, उसके पास भारतीय नागरिकता होनी चाहिए और उसे किसी भी राज्य के लिए अलग-अलग नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए मतदान आयोग द्वारा आयोजित चुनाव होता है।

भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। उन्हें एक से अधिक बार चुना जा सकता है, लेकिन एक से अधिक बार का राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो सकता है। राष्ट्रपति के निर्वाचन के बाद, उन्हें विभिन्न अधिकार और प्रभावों का आधिकार होता है जो उन्हें उनके कार्यकाल के दौरान उपयोग करने के लिए मिलते हैं।

अन्य अधिकारों के साथ, राष्ट्रपति को विधान सभा और राज्य सभाओं के सम्मुख भाषण देने का अधिकार होता है। वे भारतीय सेना के सर्वोच्च सेनाध्यक्ष भी होते हैं|

राष्ट्रपति के पास अन्य अधिकार भी होते हैं, जैसे कि वे भारतीय गणराज्य के सभी न्यायाधीशों को नियुक्त करते हैं। राष्ट्रपति को संसद के सत्र को आरंभ करने और समाप्त करने का अधिकार भी होता है। वे भारतीय संविधान के आधार पर अन्य नियमों और कानूनों को भी समझोते हैं।

राष्ट्रपति को भारतीय संविधान के आधार पर कुछ आधिकार होते हैं जो देश की संरचना और अनुशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण आधिकार निम्नलिखित हैं:

संवैधानिक आश्रय: राष्ट्रपति को भारतीय संविधान का संरक्षक माना जाता है। उन्हें इसके अनुसार निर्णय लेने का अधिकार होता है।

सम्मान और अधिकार: राष्ट्रपति को देश का सबसे ऊँचा और सम्मानित अधिकारी माना जाता है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति: राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार होता है।

नीति निर्धारण: राष्ट्रपति को भारत की विदेश नीति और राजनीति में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार होता है। वे अपनी बुद्धिमता और ज्ञान का उपयोग करके राज्यपाल, मंत्रिपरिषद, अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार करते हुए राष्ट्र की स्थिति के लिए नीति निर्धारण करते हैं।

कानून बनाने का अधिकार: राष्ट्रपति को संविधान के तहत विभिन्न कानून बनाने का अधिकार होता है।

राष्ट्रपति के वेतन और अन्य लाभ: राष्ट्रपति को देश के सबसे ऊँचे पद पर रहने के लिए वेतन और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं।

कार्यकाल:

राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि पाँच वर्ष की होती है। राष्ट्रपति को एक से अधिक बार दोबारा राष्ट्रपति नहीं बनने दिया जाता है, लेकिन वे यदि एक ही कार्यकाल के दौरान दो बार चुने जाते हैं, तो उनके कार्यकाल का जोड़ा दो बार चुनने के लिए गिना जाएगा।

तन में उन्नति लाने और देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्यकाल में कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं भी शुरू करनी पड़ती हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं निम्नलिखित हैं:

स्वच्छ भारत अभियान: इस अभियान के तहत भारत को स्वच्छ बनाने के लिए सफाई के लिए जागरूकता फैलाई जाती है।

डिजिटल इंडिया: इस योजना के तहत भारत को डिजिटल बनाने के लिए उच्च गति इंटरनेट एवं अन्य तकनीकी सुविधाओं को प्रदान करने का लक्ष्य रखा जाता है।

मुद्रा योजना: इस योजना के तहत छोटे व्यवसायों को ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को अनुदान प्रदान किया जाता है।

स्किल इंडिया: इस योजना के तहत भारत के युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली प्रशिक्षण सुविधाओं को प्रदान करने का लक्ष्य रखा जाता है।

उज्ज्वला योजना: इस योजना के तहत गरीब परिवारों को सस्ती रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए जाते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: इस योजना के तहत भारत में लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

अयुष्मान भारत: इस योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ती चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना: इस योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते आवास की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

समृद्धि योजना: इस योजना के तहत भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति को प्रोत्साहित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और विकास कार्यक्रम चलाये जाते हैं।

इन योजनाओं के अलावा राष्ट्रपति को भारत के विभिन्न मामलों में नेतृत्व करना पड़ता है, उन्हें देश की आर्थिक विकास के लिए नीतियों को समझना, समीक्षा करना और उन्हें अमल में लाने के लिए सुनिश्चित करना पड़ता है।

स्वच्छ भारत अभियान: यह अभियान भारत स्वच्छ बनाने के लिए शुरू किया गया था जिसमें सड़कों, बाजारों, स्कूलों और अन्य स्थानों को साफ-सुथरा रखने के लिए समूह बनाए जाते हैं।

डिजिटल इंडिया: यह योजना भारत को आधुनिक तकनीकी उन्नति के साथ जोड़ने के लिए शुरू की गई थी जिसमें देश के अंतर्गत डिजिटल जानकारी, बैंकिंग, सरकारी सेवाएं और अन्य डिजिटल सुविधाओं के विकास के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट चलाए जाते हैं।

नागरिकता संशोधन बिल: इस बिल का उद्देश्य भारत की नागरिकता के निर्धारण में बेहतरी करना है और यह समुद्र तटों पर बसे लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

निजी स्कूलों के लिए RTE बिल: इस बिल का उद्देश्य है कि भारत में निजी स्कूलों को राज्य सरकार के निर्देशनों के अनुसार नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति करना चाहिए।

 

 

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