ईर्ष्या का पर्यावाची  शब्द  क्या होता हैं|  eershya ka paryayvachi shabd  kya hota hai.

शब्दपर्यावाची
ईर्ष्यारश्क,डाह ,मत्सर , द्वेष करना,जलन ,द्वेष ,विद्वेष, ईर्षा 

व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक भावों से भरा होता है, जिनमें से एक ईर्ष्या भावना है। यह एक ताकतवर भावना है जो मनुष्य को दूसरों के सुख को देखकर अपने आप से निराश कर सकती है। ईर्ष्या एक गहरी और संवेदनशील भावना है | 

ईर्ष्या  शब्द पर  पांच  वाक्य  

ईर्ष्या एक नकारात्मक भावना है जो हमें खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचाती है।

यह भावना हमारे मन को अधीन बना देती है और हमारे सकारात्मक विकास को रोकती है।

ईर्ष्या से मुक्त होने के लिए हमें समझदारी से काम करना और अपनी मेहनत का सम्मान करना चाहिए।

दूसरों के सफल होने पर खुश होने और उन्हें बधाई देने से ईर्ष्या कम होती है।

अपने क्षेत्र में बेहतरीन होने के लिए हमें दूसरों के साथ उत्साह से मिलकर काम करना चाहिए।

  शब्द  से जुड़े पांच  पर्यावाची |

शब्दपर्यावाची
इंद्र शतक्रतु, सुत्रामा, वासव, सुरेश, वृहत्रा, अमरपति,शक्र,  शचिपति, सुरपति,अमरपति, पर्वतारि, वीडौजा, कौशिक, शतमन्यु।
इंद्रधनुष शक्रचाप, सप्तवर्ण,सूरधनु, इंद्रायुध|
इठलानाऐंठना, हाव-भाव,शान,शेखी, मदांध मारना, तड़क-भड़क,अकड़ना, मटकाना, चमकाना।
इंद्राणीइन्द्रा, इंद्रवधू, ऐन्द्री, पुलोमजा, शची|
इज्जतमान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
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