Vikas Divyakirti : जानें कौन हैं डॉ विकास दिव्यकीर्ति जिनके मुरीद हैं लाखों UPSC उम्मीदवार
नमस्कार दोस्तों, आज के लेख में हम बात करने वाले है Drishti IAS कोचिंग के फाउंडर Dr. Vikas Divyakirti की जीवनी के बारें में। आज के समय में वह देश के सबसे लोकप्रिय टीचर्स में से एक हैं।
उनकी इसी लोकप्रियता के कारण उनके चाहने वाले डॉ विकास दिव्यकीर्ति के निजी जीवन, शिक्षा, करियर, यूपीएसी अटेम्पट्स को लेकर, दृष्टि आईएएस कोचिंग शुरुआत कैसे की व उनसे जुड़े हर एक सवाल के बारें में जानना चाहते है।
तो दोस्तों आज के हमारे लेख में Doctor Vikas Divyakirti Biography in Hindi में आज हम उनसे जुड़े सारे जवाब देने का प्रयास करेंगे इसलिए आज लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।
Vikas Divyakirti Biography In Hindi
1 Dr. Vikas Divyakirti Biography | विकास दिव्यकीर्ति जीवनी
2 डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का परिवार
3 Vikas Divyakirti Biography Wife & Children
4 Dr. Vikas Divyakirti Educatiom | डॉ विकास दिव्यकीर्ति शिक्षा
5 डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जाकिर हुसैन कॉलेज, दिल्ली
6 डॉ विकास दिव्यकीर्ति : जाकिर हुसैन कॉलेज 1990-1993
7 Dr. Vikas Divyakirti Graduation के बाद
8 डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आईएएस रैंक
9 Dr. Vikas Divyakirti द्वारा ‘दृष्टि IAS’ कोचिंग संस्थान की शुरुआत
9.1 दृष्टि द विजन – डॉ. विकास दिव्यकीर्ति
10 Dr. Vikas Divyakirti Social Media Accounts Name & Links
11 डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब
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Dr. Vikas Divyakirti Biography | विकास दिव्यकीर्ति जीवनी
Name डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति
Date Of Birth 26 दिसंबर 1973
Age 47 साल (2022)
Birthplace हरियाणा, भारत
Hometown हरियाणा
School Saraswati Shishu Mandir, भिवानी हरियाणा
College दिल्ली विश्वविद्यालय
Zodiac Sign मकर राशि
Religion हिंदू धर्म
Nationality भारतीय
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का परिवार
Dr Vikas Divyakirti Family – डॉ. विकास दिव्यकीर्ति सर के परिवार के बारे इंटरनेट पर कुछ ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिताजी भारत के हरियाणा राज्य के महर्षि दयानंद सरस्वती के एक कॉलेज में हिंदी पढ़ाते थे। वह बीजेपी, आरएसएस व आर्य समाज को मानते थे।डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपने माता पिता के साथ
वह उनकी मां हरियाणा के भिवानी शहर के एक स्कूल की हिंदी की अध्यापिका थी। उनका निधन 12 नवंबर 2018 में हुआ था। डॉ.विकास दिव्यकीर्ति तीन भाई हैं जिनमें सबसे छोटे विकास दिव्यकीर्ति ही है।
विकास दिव्यकीर्ति के बड़े भाई वर्तमान में अमेरिका में है और वह वह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग है।
विकास दिव्यकीर्ति के दूसरे भाई वर्तमान में CBI में है वह डीआईजी रैंक पर है, वह भी Cvil Servant हैं।
यह तीनों भाई उसी स्कूल में पढ़ते थे, जिनमें इनकी मां पढ़ाया करती थी। इस प्रकार उनके माता-पिता का दिल्ली यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं था।
विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि उनके पिताजी चाहते थे कि वह एक राजनेता बने। उनकी प्रबल इच्छा यहीं थी कि उनके परिवार में से कोई एक राजनीति में अपना करियर बनाएं।
Vikas Divyakirti Biography Wife & Children
Dr. Vikas Divyakirti Wife Name : विकास दिव्यकीर्ति ने Dr. Taruna Verma से 26 मई 1997 को शादी की था। साल 2022 में उनकी 25 साल पूरे हो गए है, डॉ. तरुना वर्मा वर्तमान में दृष्टि कोचिंग संस्थान की Managing Director है
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति व डॉ. तरुना वर्मा का एक बेटा है जिसका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है। वह वर्तमान में दशवीं क्लास की पढ़ाई कर रहा है। वह शेर और शायरी में भी काफी रूचि रखते हैं
Dr. Vikas Divyakirti Educatiom | डॉ विकास दिव्यकीर्ति शिक्षा
Dr. Vikas Divyakirti School Life : विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि वह शुरुआत में पढ़ाई में एक औसत दर्जा के छात्र रहे है लेकिन उस समय उनकी राजनीति में अच्छी खासी रूचि थी। क्योंकि उनके स्कूल के समय मैं होने वाले राजनीतिक कार्यक्रम व डिबेट मैं वह बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
उनका कहना है यह भी है की उनके स्कूल समय में Math विषय में 100 में से 100 नंबर आते थे। लेकिन उस समय वह इंग्लिश में काफी कमजोर थे। लेकिन रोचक बात यह रही की उनके 10th क्लास में उनको इंग्लिश में सबसे ज्यादा अंक मिले थे उन्हें इंग्लिश में 77 व हिंदी में 72 अंक प्राप्त हुए थे।
इसके बाद उन्होंने 11 व 12 इंग्लिश मीडियम से किया था। और बारहवीं की पढ़ाई के बाद डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपने राजनेता बनने का सपना लेकर दिल्ली आए। उनके पिता की भी यही इच्छा थी कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में ABVP ज्वाइन करें और राजनीति में कुछ बड़ा करें।
वह लगभग 16 से 17 साल की उम्र में दिल्ली आए। ओर दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज में एडमिशन लिया इसका कारण था कि उनका दोस्त भी उसी कॉलेज में पढ़ता था। जिनका परिवार उन्हीं के शहर हरियाणा के भिवानी में रहता था।
लेकिन इस कॉलेज के एडमिशन के बाद उनकी ABVP से राजनीति में आगे बढ़ने की संभावना समाप्त हो गई इसका कारण यह था कि उस समय उस कॉलेज में Abvp, Nsui जैसी कोई पार्टियां नहीं थी। यह 1990 की बात थी।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जाकिर हुसैन कॉलेज, दिल्ली
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बताते हैं कि वह उस समय वह आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल हुए थे उन्हें उस समय एससी, एसटी ओबीसी के बारे में कुछ नहीं पता था बस उन्होंने देखा कि उनके ग्रुप के अधिकांशतः लोग इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं तो वह भी इस आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर गए।
इस आंदोलन में धरना प्रदर्शन तोड़फोड़ आगजनी बड़ी मात्रा में हुई उनका कहना है कि यह उन्होंने तो यह सब नहीं किया लेकिन वह इस आंदोलन में काफी Active रहे। उनका यह भी मानना है की उनको कॉलेज लाइफ में पुलिस की दो से तीन बार मार भी झेलनी पड़ी थी। इस आंदोलन में उनका एक नारा था कि अंदर की यह बात है पुलिस हमारे साथ है।
Dr. Vikas Divyakirti Collage 1St Year: डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने बताया की फर्स्ट ईयर खत्म होते होते उनके परिवार पर ऐसा संकट आया की समृद्ध परिवार भी सड़क पर आ गया। उन्होंने इस बारे में कुछ ज्यादा नही बताया लेकिन वह बताते है की यह ऐसे संकट थे की उनके परिवार का जिंदा रहना पर भी सवाल थे। उन्होंने 1St Year के एग्जाम किसी तरह दिए ओर उनको 54.5 प्रतिशत प्राप्त हुए।
1St ईयर खत्म होने के बाद उन्हें नौकरी करनी पड़ी वह उस समय 17 ½ साल के थे उन्होंने सेल्समैन की नौकरी की जिसमें वह केलकुलेटर बेचा करते थे। उनके साथ उनका बड़ा भाई था और उनका बीच वाला भाई उस समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई चंडीगढ़ से कर रहा था।
दिव्यकीर्ति का कहना है की उस समय वह डिबेट से भी पैसे कमा लेते थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में उस समय 5 अच्छी डिबेट के लिए एक हजार रुपए प्राइज के तौर पर मिलते थे। वह साल भर में लगभग 40 से 50 डिबेट जीतते वह इस तरह लगभग 20 से 25 हजार रुपए कमा लेते था। वह अपनी उधारी के पैसे अधिकांशत डिबेट जीतकर ही चुकाते थे।
जब वह डिबेट में सफल होने लगे तो उन्होंने सेल्समैन की नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने पहले प्रिंटिंग का काम सीखा , फिर एक प्रिंटिंग कंपनी में काम किया और फिर अपने बड़े भाई के साथ मिलकर एक छोटी सी प्रिंटिंग कंपनी शुरू की। जो की सफल भी रही थी। यह सब विकास दिव्यकीर्ति के ग्रेजुएशन के समय चल रहा था।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति : जाकिर हुसैन कॉलेज 1990-1993
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बताते हैं कि वह उस समय वह आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल हुए थे उन्हें उस समय एससी एसटी ओबीसी के बारे में कुछ नहीं पता था
कॉलेज के 3rd ईयर तक उनके घर की स्थिति भी ठीक हो गई थी। मां को नौकरी मिल गई। ओर पिताजी की भी पुनः नौकरी लग गई थी। इस समय तक विकास दिव्यकीर्ति ने अपने कॉलेज में भी अच्छी खासी प्रसिद्धि पा ली थी कि वह अब अध्यक्ष के इलेक्शन लड़ने की स्थिति में थे।
वह अपनी पॉपुलरिटी का कारण यह बताते हैं कि वह अपनी कॉलेज क्लास रूम को छोड़कर बाकी सब जगह Active रहते थे। वह अपने कॉलेज मैं होने वाले वाद-विवाद कार्यक्रमों में भाग व मंच का संचालन करते रहते थे।
उन्होंने यह भी बताया कि उस समय उस कॉलेज की राजनीति में हिंदू मुस्लिम का थोड़ा भाव रहता था लेकिन उनकी छवि ऐसी थी जैसे कि अटल बिहारी वाजपेई की उदारदक्षिण पंथी इसलिए उनके अच्छे खासे मुस्लिम दोस्त भी थे।
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लेकिन उस समय कुछ ऐसा हुआ कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को चुनाव नहीं लड़ने के निर्देश दिए गए। इसमें बताया गया की उनकी जान को खतरा है। तो उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
इलेक्शन बाद यह बात सच भी साबित हुई की जिसने चुनाव लड़े उसे बाद में चाकू से काफी मारा गया लेकिन वह जिंदा बच गया। वह यह भी बताते कि उनके तीन से चार दोस्त जो चुनाव लड़े ओर इलेक्शन जीते उनकी मृत्यु हो चुकी है व उनकी मौत कोई साधारण मृत्यु नहीं थी।
लेकिन यह सीधे कहना कि उनकी मृत्यु इलेक्शन की वजह से हुई है यह कहना मुश्किल है क्योंकि वह इलेक्शन के काफी समय बाद मारे गए दो की हत्या सरेआम हुई थी जिसमें एक को बस में चाकू मार कर फेंका गया था वह दूसरे को दिल्ली के भजनपुरा जगह पर गोली मारकर हत्या की गई।
ता था बस उन्होंने देखा कि उनके ग्रुप के अधिकांशतः लोग इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं तो वह भी इस आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर गए।
इस आंदोलन में धरना प्रदर्शन तोड़फोड़ आगजनी बड़ी मात्रा में हुई उनका कहना है कि यह उन्होंने तो यह सब नहीं किया लेकिन वह इस आंदोलन में काफी Active रहे। उनका यह भी मानना है की उनको कॉलेज लाइफ में पुलिस की दो से तीन बार मार भी झेलनी पड़ी थी। इस आंदोलन में उनका एक नारा था कि अंदर की यह बात है पुलिस हमारे साथ है।
Dr. Vikas Divyakirti Collage 1St Year: डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने बताया की फर्स्ट ईयर खत्म होते होते उनके परिवार पर ऐसा संकट आया की समृद्ध परिवार भी सड़क पर आ गया। उन्होंने इस बारे में कुछ ज्यादा नही बताया लेकिन वह बताते है की यह ऐसे संकट थे की उनके परिवार का जिंदा रहना पर भी सवाल थे। उन्होंने 1St Year के एग्जाम किसी तरह दिए ओर उनको 54.5 प्रतिशत प्राप्त हुए।
1St ईयर खत्म होने के बाद उन्हें नौकरी करनी पड़ी वह उस समय 17 ½ साल के थे उन्होंने सेल्समैन की नौकरी की जिसमें वह केलकुलेटर बेचा करते थे। उनके साथ उनका बड़ा भाई था और उनका बीच वाला भाई उस समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई चंडीगढ़ से कर रहा था।
दिव्यकीर्ति का कहना है की उस समय वह डिबेट से भी पैसे कमा लेते थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में उस समय 5 अच्छी डिबेट के लिए एक हजार रुपए प्राइज के तौर पर मिलते थे। वह साल भर में लगभग 40 से 50 डिबेट जीतते वह इस तरह लगभग 20 से 25 हजार रुपए कमा लेते था। वह अपनी उधारी के पैसे अधिकांशत डिबेट जीतकर ही चुकाते थे।
जब वह डिबेट में सफल होने लगे तो उन्होंने सेल्समैन की नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने पहले प्रिंटिंग का काम सीखा , फिर एक प्रिंटिंग कंपनी में काम किया और फिर अपने बड़े भाई के साथ मिलकर एक छोटी सी प्रिंटिंग कंपनी शुरू की। जो की सफल भी रही थी। यह सब विकास दिव्यकीर्ति के ग्रेजुएशन के समय चल रहा था।
Dr. Vikas Divyakirti Graduation के बाद
Dr. Vikas Divyakirti MA & J.R.F : ग्रेजुएशन के बाद डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपने चार दोस्तों के साथ दिल्ली के पांडव नगर में रहकर तैयारी करने लगे थे। उन्होंने History छोड़कर हिंदी साहित्य M.A. से किया। उनका एमए फाइनल में उनका JRF भी हो गया था। ओर इसके तहत उन्हें महीने के 2500 रुपए मिलने लगे थे।
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इस तरह डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने 16 ½ की उम्र कॉलेज में एडमिशन लिए 19 ½ में ग्रुजुएशन पूरा किया ओर 21½ की उम्र में M.A / जे.आर.एफ किया !
वह डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने M.Phil व PhD की पढ़ाई की वह समाजशास्त्र व जन-संचार विषयों में M.A. किया तथा law की पढ़ाई करते हुए LLB किया। वे हिन्दी साहित्य से यू. जी. सी. नेट / जे.आर.एफ. तथा समाजशास्त्र से नेट की परीक्षा पास की थी।
अनुवाद कार्य में भी विकास दिव्यकीर्ति की काफी रुचि रही है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय तथा भारतीय विद्या भवन दोनों संस्थाओं से अंग्रेज़ी-हिन्दी अनुवाद में P.G. Diploma किया है।Philosophy, Psychology, Cinema Studies, Social Issues & Political Science (विशेषतः भारतीय संविधान में) उनके पसंदीदा अन्य विषय रहे हैं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आईएएस रैंक
Dr Vikas Divyakirti IAS Exam Attemps : डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने IAS का अपना पहला Attemps 22 साल उम्र में दिया उस वक्त वह M.A कर रहे थे। उन्होंने उस बार IAS के लिए दो फॉर्म लगाए थे पहला फॉर्म हिस्ट्री से वह दूसरा फॉर्म सोशियोलॉजी से !
इन सब के बीच डॉ विकास दिव्यकीर्ति का डॉ तरुना वर्मा के साथ अफेयर शुरू हो चुका था। ओर फिर उन्होंने प्रीलिम्स पास किया, मैंस पास किया फिर इंटरव्यू हुआ वह भी बहुत अच्छा गया और फिर IAS में उनका फाइनल चयन हो गया।
Dr Vikas Divyakirti IAS Renk / डॉ विकास दिव्यकीर्ति आईएएस रैंक : 4 जून 1998 को जारी आईएएस परिणाम में डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने 384वीं रैंक प्राप्त कि थी। उन्होंने अपने रोल नंबर भी बताए उनके 97484 रोल नंबर है।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने अपने आईएस के दूसरे प्रयास में मेंस पास नहीं कर पाए। उन्होंने सोशलॉजी चुना और उसमें उन्हें कम अंक प्राप्त हुए।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने अपने आईएएस के तीसरे प्रयास में Philosophy विषय चुना जिसमें वह मैंस में पास हुए लेकिन उनका फाइनल सलेक्शन नही हो पाया।
1 जून 1999 को उनकी जोइनिंग आ चुकी थी लेकिन उन्होंने उस दिन ज्वाइन नहीं किया। ओर उन्होंने अपने घरवालों के कहने पर अगले दिन ज्वाइन किया।
वह लगभग 6 महीने तक भारत सरकार के गृह मंत्रालय में कार्य किया। उसके बाद वे अपने पद से इस्तीफा दे दिया ओर उसके बाद शिक्षण के क्षेत्र में उतरे !
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने अपना चौथा प्रयास साल 2003 दिया था। उन्होंने इस बार अपना प्रीलिम्स मुंबई से दिया ओर मैंस बैंगलोर में लिखा था लेकिन इस बार भी विकास दिव्यकीर्ति का फाइनल सलेक्शन नही हो पाया। उनको इस बार इंटरव्यू में 204 नंबर प्राप्त हुए थे।
Dr. Vikas Divyakirti द्वारा ‘दृष्टि IAS’ कोचिंग संस्थान की शुरुआत
विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त के कहने पर पहली बार हिंदी साहित्य पढ़ाया था। उन्होंने 12 छात्रों को पढ़ाया वह इस समय फीस प्रत्येक छात्र से 2000 रुपए ली थी।
अपनी आईएएस की नौकरी के इस्तीफे के उनका रेसिग्नेशन /रिलीविंग लेटर’ आने में 18 से 20 महीने लगे थे व इसी समय में विकास दिव्यकीर्ति ने दृष्टि कोचिंग संस्थान की स्थापना की थी।
इस प्रकार दृष्टि कोचिंग संस्थान की स्थापना नवंबर 1999 में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तथा डॉ. तरुणा वर्मा द्वारा की गई थी। तब से लेकर आज तक यह सिविल सेवा अभ्यर्थियों के बीच एक लोकप्रिय एवं उपयोगी संस्थान रहा है।
बताया जाता हैं की अभी तक दृष्टि कोचिंग संस्थान से जुड़े एक हजार से भी ज्यादा अभ्यर्थियों ने केंद्रीय या राज्यस्तरीय सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।
दृष्टि द विजन – डॉ. विकास दिव्यकीर्ति
वर्तमान में Drishti कई उद्यमों का समूह है जिसका संबंध शिक्षा के क्षेत्र से है इसका सबसे प्रसिद्ध उद्यम ‘Drishti The Vision’ नामक संस्थान है जो की Civil Services Exam की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है।
‘Drishti Publications’ इसका दूसरा प्रमुख उद्यम है जिसके द्वारा हिंदी व अंग्रेज़ी में ‘Drishti Current Affairs Today’ नाम की मासिक पत्रिका व Civil Services Exam में उपयोगी पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है।
‘Drishti Media’ यह दृष्टि कोचिंग संस्थान का एक उभरता हुआ Platform है, जिसके माध्यम से Civil Services Exam की तैयारी के लिये Audio Visual format में नये – नये शैक्षणिक प्रयोग किये जा रहे हैं।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कौन है ?
A : दृष्टि कोचिंग संस्थान संस्थापक | IAS अध्यापक | लेखक |
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की उम्र क्या है ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की जन्म तारीख 26 दिसंबर 1973 है उनकी वर्तमान उम्र 49 साल है।
Q : डॉ विकास दिव्यकीर्ति की Wife का क्या नाम है ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी का नाम डॉ तरुण वर्मा है व उनकी शादी 26 मई 1997 को हुई थी।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आईएएस रैंक क्या है व उन्होंने कितने यूपीएससी के कितने अटेंप्स दिए थे ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपने यूपीएससी के पहले प्रयास में सफलता प्राप्त की थी 4 जून 1998 को यूपीएससी के परिणाम में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को 384 वीं रैंक प्राप्त हुई थी।
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डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने यूपीएससी के कुल 4 अटेंप्स दिए थे लेकिन रोचक बात यह रही कि उन्हें बाकी 3 यूपीएससी अटैंप्स में उनका फाइनल सलेक्शन नही हुआ।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने दृष्टि कोचिंग संस्थान की स्थापना कब की !
A : विकास दिव्यकीर्ति ने नवंबर 1999 में दृष्टि कोचिंग संस्थान स्थपाना की थी।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की पसंदीदा चीजें क्या हैं ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को ड्राइव करना, यात्रा करना व किताबें पढ़ना पसंद है उन्हें Sky Diving भी काफी पसंद है
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कि पसंदीदा फिल्में कौन कौन सी है ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की पसंदीदा फिल्में लंच बॉक्स | एकलव्य | गुलाल | मशान जैसी फिल्में रही हैं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का एक सपना फिल्म बनाने का भी रहा है उनका कहना है कि यदि उन्हें कभी मिला तो वह थ्री इडियट या पंचायत जैसे फिल्म जरूर बनयाएंगे ।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने आरक्षण के बारे में क्या है ?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आरक्षण के समर्थन में हैं वह जेंडर बेस व 3rd जेंडर आरक्षण का भी समर्थन करते है व इसमें कुछ बदलाव की भी मांग करते है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आरक्षण पर यूट्यूब पर 2 घंटे 27 मिनट का एक वीडियो है। जिन्होंने आरक्षण के बारे में विस्तार से समझाया है। और वह आरक्षण पर अपना दूसरा वीडियो बहुत जल्द अपलोड करने वाले है।
Q: डॉ विकास दिव्यकीर्ति का धर्म को लेकर क्या विचार है?
A : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का कहना है की उनके पिताजी आर्य समाज को मानते है और उनकी पत्नी सनातन धर्म को बहुत मानती है। लेकिन उनकी धर्म में आस्था शुरुआत से ही कम रही है। लेकिन वह किसी धर्म का अनादर कभी नही करते है।
दिव्यकीर्ति का मानना है की अभी धर्म समाज के लिए बहुत जरूरी है ईश्वर है या नहीं यह कोई नहीं जानता मैं भी नहीं जानता और उनके नहीं जानने से यह तय नहीं होता कि ईश्वर नही है इससे नास्तिकता उतनी ही बड़ी मूर्खता है जितना कि यह दावा कि मैं ईश्वर जनता हूं।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति राष्ट्रवादी के बारें में क्या विचार हैं ?
A : विकास दिव्यकीर्ति कहते है की वह राष्ट्रवादी व्यक्ति है लेकिन अंतरराष्ट्रवाद के विरोध में नहीं हैं वह कहते हैं कि वह कभी नही चाहते की पाकिस्तान बर्बाद हो जाये वो वह चाहते है की भारत आबाद रहे, पाकिस्तान भी आबाद रहे और चीन भी आबाद रहे।
दिव्यकीर्ति कहते हैं कि सिर्फ इस संयोग से की कोई व्यक्ति वहां पैदा हुआ इसलिए उसे मर जाना चाहिए ऐसा राष्ट्रवाद उनका नहीं है। राष्ट्र के संबंध सबसे अच्छे होने चाहिए क्यों हम किसी के लिए खराब कामना करें।
अगर किसी देश कि सेना गड़बड़ करे तों हमारी सेना उनसे लड़ेगी हम अपनी सेना के साथ हैं लेकिन हम ऐसे कामनाएं क्यों करें की सारे पाकिस्तानी मर जाएं।
Q : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने यूपीएससी में असफल होने वाले छात्रों के बारे में क्या कहा ?
A: इस बात पर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कहते है की हमारे देश में अवसर बहुत कम ओर आवेदक बहुत ज्यादा यह बात हर फील्ड में है चाहे राजनीति, फिल्म उद्योग, क्रिकेट हो या यूपीएससी।
जैसे की क्रिकेट का सपना तो लाखों लोग देखते हैं, लेकिन इंडियन टीम में या आईपीएल में बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं इसलिए आप तैयारी क्रिकेट की करें या फिल्मों की करें या यूपीएससी की करें। तैयारी से पहले आपको यह तय जरूर कर लेना चाहिए की अगर सफल ना हो तो क्या होगा।
इसलिए डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपनी क्लास में एक बात जरूर बताते है की सक्सेस की कोई गारंटी नहीं हैं इतनी गारंटी है कि एक बेहतर इंसान बन जाओगे ओर जिंदगी में कुछ अच्छा कर लोगे अगर मेहनत की तो।
वह यह कभी चाहते है की कोई यूपीएससी की इस भाव से तैयारी करें की अगर नही हो तो मर जाऊ इससे अच्छा है कि वह तैयारी ही ना करें ।